भारत में आधुनिक शिक्षा के जन्मदाता का श्रेय चार्ल्स ग्रांट को जाता है। 1835 ईस्वी में लॉर्ड मैकाले ने सरकारी भाषा के रूप में अंग्रेजी को स्वीकृत किया।
चार्ल्स वुड डिस्पैच को भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा के रूप में जाना जाता है। प्राथमिक शिक्षा पर विशेष बल देने हेतु हंटर शिक्षा आयोग का गठन 1882 ईस्वी में किया गया।
1929 ईस्वी में हार्ट्टो्ंग समिति का गठन प्राथमिक देसी तथा व्यवसायिक शिक्षा पर बल देने हेतु किया गया।
बुनियादी शिक्षा पर बल देने हेतु 1937 में वर्धा योजना के गठन हुआ।
सार्जेंट योजना 1944 के तहत प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा पर विशेष बल दिया गया।
विश्वविद्यालय शिक्षा पर रिपोर्ट राधा कृष्ण आयोग के द्वारा सौंपी गई।
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